Friday, January 27, 2012

जय श्री राधे

भगत के वश में है भगवन
भगत के वश में है भगवन

भक्त बिना ये कुछ भी नहीं है
भक्त है इसकी जान

भगत मुरलीवाले की
रोज़ बृन्दावन डोले
कृष्ण को लल्ला समझे
कृष्ण को लल्ला बोले

श्याम के प्यार में पागल
हुई वो श्याम दीवानी
अगर भजनों में लागी
छोड़ दे दाना पानी

प्यार करन वो लागी उस
से
अपने पुत्र सामान

भगत के वश में है भगवन
भगत के वश में है भगवन

वो अपने कृष्ण लाला को
गले से लगाकर रख्खे
हमेशा सजाकर रख्खे
कि लाड लड़ाकर रख्खे

वो दिन में भागके देखे
रात को जागके देखे
कभी अपने कमरे से
श्याम को झाँक के देखे

अपनी जान से ज्यादा रखती
अपने लाल का ध्यान

भगत के वश में है भगवन
भगत के वश में है भगवन

वो लल्ला लल्ला पुकारे
हाय क्या जुल्म हुआ रे
बुढापा बिगड़ गया जी
लाल मेरे कैसे गिरा रे

जाओ डॉक्टर को लाओ
लाल का हाल दिखाओ
अगर इसको कुछ हो गया
मुझे भी मार गिराओ

रोते रोते पागल हो गयी
घरवाले परेशान

भगत के वश में है भगवन
भगत के वश में है भगवन

नब्ज को टटोल के बोले
ये तेरा लाल सही है
कसम खाकर कहता हूँ
कोई तकलीफ नहीं है

वो माथा देख के बोले
ये तेरा लाल सही है
माई चिंता मैथ करियो
कोई तकलीफ नहीं है

जो ही सीने से लगाया
पसीना जमकर आया
उस ने कई बार लगाया
और डॉक्टर चकराया

धड़क रहा सीना लल्ला का
मूर्ती में थे प्राण

भगत के वश में है भगवन
भगत के वश में है भगवन

देख तेरा लाल क़ी माया
बड़ा घबरा रहा हूँ
जहाँ से तू लल्ला लायी
वहीँ पे जा रहा हूँ

लाल तेरा जुग जुग जीए
बड़ा एहसान किया है
आज से सारा जीवन
उसी के नाम किया है

बनवारी तेरी माँ नहीं पागल
पागल सारा जहां

भगत के वश में है भगवन
भगत के वश में है भगवन
भक्त बिना ये कुछ भी नहीं है
भक्त है इसकी जान

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